आज बहुत दिन बाद इस ब्लॉग के दिन बहुरेंगे, लगभग एक साल के बाद आज इसमें कोई ब्लॉग पोस्ट होगा। ख्याल तो बहुत आते रहे लेकिन उन्हें यहां तक लाने का समय नहीं मिला। नेट पर रोजाना घंटो बीतते रहे, कभी-कभार मन भी किया कि कुछ लिखूं लेकिन फिर ना जाने क्यूं की-बोर्ड पर हाथ ही नहीं चले।
आज मेरे एक साथी ने एक सुझाव दिया, जो दिल करे उसे ब्लॉग पर लिख डालो। हां, शायद ब्लॉग का मतलब भी तो यही है, जो दिल में आए, जो अच्छा लगे, जो ना अच्छा लगे, सब यहां उतार दो। हम आजाद हैं, अपनी खुशी, अपने गम, अपने विचार को दुनिया के सामने रखने के लिए। तो आज से एक नई शुरुआत, झरोखा मेरे मन के साथ,,,,,,,,,
आज के लिए फिलहाल इतना ही बहुत जल्दझ फिर मुलाकात होगी।
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